शनिवार, 25 अगस्त 2018

व्यंग्य नये शब्दकोश


व्यंग्य
नये शब्दकोश
दर्शक
एक कश्मीरी शायर लियाकत ज़ाफरी का शे’र है –
हाय अफसोस... कि, किस तेजी से दुनिया बदली
आज जो सच है, कभी झूठ हुआ करता था
कभी पुरानी फिल्मों में एक गाना चला था – सैंया झूठों का बड़ा सरताज निकला। लगता है कि दिल्ली की टाकीजों में पुरानी फिल्मों के पुनर्प्रदर्शन का कार्यक्रम चल रहा है। चुनी हुयी सरकारी पार्टी और उसके प्रवक्ता जो कहते हैं, उसे देखते हुए लगता है कि पाठ्यक्रम में इतिहास बदलने वाले दल ने जिस ढीठता के साथ शब्दार्थ बदलने शुरू कर दिये हैं तो अब कुछ दिनों में शब्दकोश बदलने की स्थिति आ जायेगी ताकि बयान का यथार्थ के साथ मेल हो सके। जब भाजपा नेता हिन्दू कहते हैं तो उसका अर्थ होता है भाजपा, संघ और उनके आनुषांगिक संगठन। इन पर लग रहे सारे आरोप हिन्दुओं पर लगते हैं। इनके यहाँ मारने वाला नाथूराम गोडसे हिन्दू है किंतु मरने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी हिन्दू नहीं है। जब जब भाजपा खतरे में होती है तो वह हिन्दू धर्म पर खतरा होता है, देश पर खतरा होता है। मोदी का मतलब मिलेट्री हो गया है। अगर उनके झूठ को पकड़ा जाता है तो उसे देश की सेना का अपमान बताया जाता है, जबकि देश की सेना का अपमान तो वे राजनीतिक पार्टियां करती हैं जो सत्तारूढ होने पर सेना के शौर्य को अपने नाम लिखवाने की कोशिश करती हैं। जब बघारी गयी शेखियों की कलई खुलने लगती है तो नकली लालकिला बना कर उससे भाषण देने वाला नेता ऐसी सर्जीकल स्ट्राइक करने लगता है जिसे वेद प्रताप वैदिक जैसे संघ समर्थक पत्रकार भी फर्जीकल स्ट्राइक कहने को विवश हो जाते हैं। वह तो गनीमत रही कि उन्हें नकली पाकिस्तानी सिर नहीं मिले बरना वे एक का दस करके दस का दम दिखा देते।
डीसीएम टोयेटा को रथ बना कर घूमने वाली पार्टी के नेता इतिहास, पुरातत्व ही नहीं महापुरुषों की जीवनी को भी उलट देना चाहते हैं. कबीर नानक के साथ गोरखनाथ आदि लोगों को मिला देते हैं और उसके लिए क्षमा भी नहीं मांगते।  मुकुट बिहारी सरोज इन्हीं के बारे में कह गये हैं-
ये जो कहें प्रमाण, करें वो ही प्रतिमान बने
इनने जब जब चाहा, तब तब नये विधान बने
कोई क्या सीमा नापे, इनके अधिकारों की
ये खुद जनम पत्रियां लिखते हैं सरकारों की
इनके जितने भी मकान थे, वे सब आज दुकान हैं
इन्हें प्रणाम करो,
ये बड़े महान हैं।
अगर कोई हिन्दुत्व के नाम पर इनके कट्टरवादी आचरण की तुलना पाकिस्तान से करते हुए देश को हिन्दू पाकिस्तान बनाने का आरोप लगाता है तो वे उसे हिन्दुत्व की निन्दा बताते हुए साधारण समझ वालों को भटकाने भड़काने का काम करते हैं। झूठे फालोअर, झूठी सदस्यता, झूठा बहुमत, झूठी भीड़, झूठा विकास, झूठा सुधार, झूठे खतरे, सब कुछ झूठ झूठ और झूठ।
राहत इन्दौरी कहते हैं –
कुछ और काम उसे याद ही नहीं शायद
मगर वह झूठ बहुत शानदार बोलता है     

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