बुधवार, 2 जनवरी 2019

व्यंग्य पितर पक्ष में अपराधियों से अनुरोध



व्यंग्य  पितर पक्ष में अपराधियों से अनुरोध
दर्शक

हे अपराधियो, परनाम!
मैं बिहार का उपमुख्यमंत्री अपने मन की बात बोलता हूं। सेवा में विनम्र निवेदन है कि परमपिता परमात्मा की असीम अनुकंपा से प्रति  वर्ष की भांति इस वर्ष भी पितरों के पधारने का पक्ष अर्थात पन्द्रह दिन का समय आ चुका है। आप तो जानते ही हो कि जब से लालूजी का जंगल राज बिहार में खतम हुआ है, तब से अपना शुरू हो चुका है। और इस काम में हमारा रिकार्ड उनसे कम नहीं है। वो तो क्या है कि इस सन्दर्भ में अखबारों में विज्ञापन देने की परम्परा नहीं है बरना हम तुलनात्मक चार्ट बनवा कर छपवा दिये होते जिससे मीडिया की जेब में पैसा जाकर उसका मुँह बन्द हो जाता और हमारी क्षमताओं पर भरोसा बना रहता। वैसे तो अपराध और अखबार अब एक ही फर्म की दो शाखाओं की तरह चल रहे हैं, जैसा कि मुज़फ्फरपुर में उजागर हो चुका है। इससे हमारी ओर से एक ओर तो मीडिया की मदद हो जाती थी और दूसरी ओर उनका धन्धा चलता रहता था।
महोदय, हमने आप से इसलिए अपील की है कि अभी अभी हमने अपने बिहार की पवित्र नदियों में बप्पा का विसर्जन किया है और उनके विसर्जन के साथ ही पितरों ने रवानगी डाल दी है। वे यहाँ वह माल खाने आते हैं जो उन्हें सुरग में नसीब नहीं होता। कहा गया है कि – दैरो हरम में चैन जो मिलता, क्यों आते मयखाने लोग। अब आप किरपा करके इन पन्द्रह दिनों के लिए आराम कर लीजिए, ताकि उन्हें लगे कि हमरे बिहार में सब अमन चैनवा है न...। हम आपकी इतनी बात मानते हैं तो आप हमरी भी एकाध बात मान लो। अब वैसे तो यह अपील अपने मुख्यमंत्री जी को करना था, पर उनको क्या चिंता। वो जो अगले महीने तीन राज्यों में चुनाव होने हैं उसमें उनकी पार्टी थोड़े ही दाँव पर है। उधर विरोधी पक्ष कह रहा है कि जो 19 राज्य भाजपा की सरकार के गिनाये जाते हैं उनमें बिहार भी शामिल है और उसमें अब हमारी मदद से ही आप लोग फल फूल रहे हो। जो ऎके 47 राइफलें आप लोग स्तेमाल कर रहे हो वे मध्यप्रदेश के जबलपुर की आर्डीनेंस फैक्टरी से ही तो चोरी की गयी हैं। चुनाव मध्य प्रदेश में भी हो रहे हैं और वहां कांटे के संघर्ष में प्रतिष्ठा दाँव पर लगी हुयी है, सर की टोपी पाँव पर लगी हुयी है। सोचो अगर सरकार बदल गई तो न हम कहीं के रहेंगे और न ही आप रहेंगे। अब ये क्या बात हुयी कि पिछले ही दिनों आप लोगों ने उसी मुजफ्फरपुर के पूर्व मेयर की दिन दहाड़े हत्या कर दी। भैय्या थोड़ा तो लिहाज किया कीजिए, आजकल सब जगह सीसी टीवी कैमरे ठुके हुये हैं सो जल्दी ही पहचान हो जाती है।
एक बात और कि जिन प्रदेशों में चुनाव हो रहे हैं उनमें अपनी पार्टी भाजपा ने कई परतों वाली सर्वे की टीमें भेजी हुयी हैं। इनमें से एक टीम ने भाजपा के टिकिटार्थियों से एक सवाल यह भी पूछा है कि आपके क्षेत्र के ऐसे गुंडे का नाम बताओ जो कम से कम दो हजार वोटों पर प्रभाव डालने की क्षमता रखता हो। अब लोग परेशान हैं कि दूसरे के गुंडों का नाम कैसे लिखा दें। अगर उन गुंडों से ही पूछ लिया तो टिकिट मिलने की जगह टिकिट कट सकता है। विधानसभा का भी और ऊपर का भी। एक बात और है कि दूसरे धर्म वालों के तो पितर इस मौसम में आते नहीं हैं सो इस दौरान हुये अपराधों के ग्राफ से पता भी चल जायेगा कि वे कितने हैं और कितने पानी में हैं।            

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