व्यंग्य
मन की बात
दर्शक
जब से चीन ने हमारे बीस सैनिकों को शहीद कर दिया है तभी से राम भरोसे को
मोदेजी के मन की बात का इंतजार था। वह टीवी के सामने पाँच मिनिट पहले ही आकर बैठ
गया। जब से कोरोना आया है वह चित्त से भयभीत हो गया है। किसी पर भरोसा नहीं रहा
उसे। घड़ी तक पर नहीं। क्या पता लेट चल रही हो! मोदीजी का भी भरोसा नहीं, क्या पता
पाँच मिनिट पहले ही शुरू हो जायें। मेरे पहुंचने पर उसने कुर्सी को लात मार कर छह
फीट दूर खिसका दिया और मुँह पर बांधे हुये मुसीके को फिर से कस लिया जो लटक गया
था। जब मैंने पूछा क्या बात है तो बाँधे हुए मुसीके पर ही उंगली रख कर उसने चुप
रहने को कहा, फिर धीरे से बोला मोदीजी मन की बात करने वाले हैं।
‘ वो तो हर बार करते हैं, इसमें नया क्या है?” मैंने कहा
‘ इस बार चीन ने हमारे बीस बहादुर सैनिक मार दिये हैं, देखते हैं कि जीवन में
नौ बार चीन जाने वाले और शीपिंग को झूला झुलाने वाले मोदी जी सैनिकों की हत्या पर क्या
कहते हैं। ‘ वह बोला।
इतने में मोदी जी शुरू हो गये और प्यारे देशवासियों को सम्बोधित करने लगे।
उन्होंने सीमा पर हुयी झड़प के बारे में कुछ नहीं बतलाया, बस इतना कहा कि हमारे
जवान बहादुरी से लड़ते हुए शहीद हुये हैं। यह सच तो प्यारे देशवासियों को पहले ही
पता लग गया था।
इस बार इस बात का विशेष महत्व था। यह
इसलिए नहीं था कि पिछली बार पुलवामा में हमारे चवालीस जवान लापरवाही में ही शहीद
हो गये थे व जिसकी जाँच रिपोर्ट अभी तक सामने नहीं आ पायी है। न ही यह बताया कि
चीन हमारी सीमा में घुस आया या हम चीन की सीमा में घुस गये थे। पर यह जरूर बताया
कि वे बिहार रेजीमेंट के थे। इस पर उन्होंने जवानों की बहादुरी की तारीफ करते हुए
उनके परिवार वालों को हो रहे गर्व के बारे में भी बताया।यह भी बताया कि शहीद के
पिता अपने पोतों को भी सेना में भरती कराने की बात कर रहे हैं। इस पर रामभरोसे से
चुप नहीं रहा गया और शाहीदों के प्रति प्रणाम की मुद्रा बनाते हुए बोला कि अगले
महीनों में बिहार में विधान सभा के चुनाव हैं, वैसे एक बात समझ में नहीं आती कि
देशभक्ति की इतनी इतनी बातें करने वाले गुजराती फौज में इतने कम क्यों हैं। कभी
नहीं सुना कि कोई गुजराती बहादुरी दिखते हुए शहीद हुआ हो।‘
मैंने कहा कि यह बंटवारा तो मनु महाराज पहले ही कर गये हैं ‘ गुजराती के खून
में व्यापार है’
‘ तो फिर 56” सीने की डींग क्यों हाँकते हैं?” वह चिढ कर बोला
“ वह तो सूट भेंट करने वालों को नाप देने के लिए होता है, आप गलत समझे “
राम भरोसे थोड़ी देर के लिए ऐसी मुद्रा में चुप हो गया, मानो बुरा मान गया हो।
मोदी जी के मन की बात चालू रही। एक बार फिर वे चीन का नाम लेने से बचे। बोले ‘लोकल
के लिए वोकल’। अब तो रामभरोसे कुर्सी पर से उछल ही पड़ा। बोला पहले ही झंझट कौन से
कम थे कि रेट, वेट, डेट [एक्सपायरी और मैनूफ्रेक्चरिंग] के साथ यह भी देखो कि बना
कहाँ का है? जब एक चीज खरीदने में इतना समय लगेगा तो फिर पीछे वाला सोशल
डिस्टेंसिंग क्या खाक मैंटेन करेगा? अगर किसी से दुश्मनी है तो साफ साफ बताओ! उसके
सामान के आने पर प्रतिबन्ध लगाओ।
पर भले घर की बहुएं ससुर का नाम कैसे ले सकती हैं। 2013 में 1.8 बिलियन डालर
का व्यापार था वह 7.9 बिलियन डालर का हो गया। इसे पहले ही सुधारना था। अब तो
चिड़्यां चुग गयीं खेत। अगर 1.8 बिलियन पर चन्दा मिल सकता है तो 7.9 बिलियन पर कितना
मिला होगा? ओवरसीज फ्रैंड्स आफ बीजेपी क्या काम करता है भैया?
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