शुक्रवार, 13 मार्च 2015

राघवजी को निहारता सोशल मीडिया



 व्यंग्य
राघवजी को निहारता सोशल मीडिया
दर्शक
सोशल मीडिया के भाजपा समर्थक एक टिप्प्णीकार का संकट यह था कि साले नाम भी तो भगवान के नाम पर रखते हैं इसलिए ठीक से गाली भी नहीं दे सकते। वे आदरणीय राघव जी के कृत्यों पर नहीं अपितु उसके परिणामों पर खफा थे। जब देश में कामराज योजना आयी थी तब कांग्रेस के सभी मंत्रियों के त्यागपत्र ले लिये गये थे और जिनको निकालना था उनके मंजूर कर लिये गये थे । उस दौरान काका हाथरसी की कविता की एक पंक्ति थी- रामराज में कामराज कैसे घुस आया।
       असल में उक्त टिप्पणीकार का संकट भी यही रहा होगा कि जब प्रदेश में अच्छाभला सूर्यवंशी रामराज चल रहा था तब इस कामराज ने सारा गुड़ गोबर कर दिया। वे अचम्भित, हतप्रभ, या आश्चर्यचकित जैसे कुछ भी नहीं थे, इस तरह का तो तब हुआ जाता है जब पहले से कुछ पता न हो। यहाँ तो सबको सब पता था और किसी को कोई शिकायत नहीं थी। शिकायत तो सार्वजनिक होने से हुयी। वे चरित्र की नहीं छवि की चिंता करने वाले लोग हैं। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के कथन को अगर सच मानें तो उन्होंने सीडी नहीं देखी और न उसमें कुछ छेड़छाड़ की पर राघव जी से स्तीफा लिखवा लिया। बिना सीडी देखे ही जब स्तीफा लिखवा लिया तो जाहिर है कि सीडियों की कहानियां तो पहले से ही पता होंगीं। आदरणीय राघवजी ने जब उनसे कहा कि स्तीफे पर बात करने वे खुद आ रहे हैं तो घबराये हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नहीं यहाँ आने की जरूरत नहीं है आप तो स्तीफा फेक्स कर दो। संतोष की बात है कि कान समेत बुजुर्गवार आदरणीय राघवजी की सभी इन्द्रियां ठीक ठीक काम कर रही हैं, जैसा कि सरकारी डाक्टरों ने प्रमाणित भी किया है, सो उन्होंने फेक्स को फेक्स ही सुना बरना एक और सीडी का मटेरियल तैयार था।
       खबर है कि सोशल मीडिया पर इतनी सारी टिप्पणियां आयीं कि मौत के सौदागरों तक को अपनी अलोकप्रियता में कमी से प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी पर खतरा लगने लगा। इन लाखों टिप्पणीकारों में से किसी ने भी आदरणीय राघवजी के साथ सहानिभूति में दो शब्द भी नहीं कहे। खुद राघवजी ने भी शर्म का कोई मुखौटा नहीं लगाया और ठाठ से अपने गृहनगर में अपने जन्मदिन पर अपना अभिनन्दन कराया व चाँदी का मुकुट धारण किया। इस पर किसी ने टिप्पणी की कि उनके सारे छुटभैये नेताओं की ओर देख कर लोग लगातार मुस्कराये जा रहे थे।
       एक फेसबुकिये का तो कहना है कि अब भाजपा धारा 370 को समाप्त करने की माँग से पहले धारा 377 को समाप्त करने की माँग करने जा रही है। दूसरा फेसबुकिया कह रहा था कि अब साबित हो गया है कि भाजपा एक डिफरेंट किस्म की पार्टी है क्योंकि कांग्रेस आदि तो महिलाओं का यौन शोषण करने के लिए बदनाम हैं......।         
       किसी ने नई फिल्म ‘भाग मिल्खा भाग’ के पोस्टर पर लिखवा दिया कि भाग मिल्खा भाग पीछे राघव जी आ रहे हैं।
       कांग्रेसियों में अपवाद की तरह निरंतर राजनीतिक बयानबाज़ी करने वाले इकलौते नेता दिग्विजय सिंह तक लाइट मूड में आ गये और कह बैठे कि भोपाल में यह कहा जा रहा है- बच्चा बच्चा राम का, राघवजी के काम का।
       जब से कैलाश विजयवर्गीय ने कहा है कि राघवजी तो हिट विकेट हुये हैं तभी से भारतीय खिलाड़ी हिट विकेट होने से बचने लगे हैं कि कहीं उसी थाने और उसी जेल में न जाना पड़े जिसका उद्घाटन किया हो।
       मध्यप्रदेश सरकार ने पिछले दिनों राघव जी के लिए चालीस हजार रुपये खर्च करके मुम्बई से चश्मा बनवाया था जिसके द्वारा कैसे कैसे दिन देखने को नियत थे।  जेल से खबर आयी है कि बैरक से गाने की आवाजें आ रही हैं कि आजा आई बहार दिल है बेकरार, ओ मेरे राजकुमार तेरे बिन रहा न जाये...........।  

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें