गुरुवार, 28 मई 2020

व्यंग्य एक साथ चुनाव

व्यंग्य
एक साथ चुनाव
हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के साथ उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान, छत्तीसगढ, बिहार आदि में उपचुनाव परिणाम अभी पूरी तरह आ ही नहीं पाये थे कि रामभरोसे आ गया। बोला जगह बताओ!
मेरी समझ में कुछ नहीं आया तो मैंने कह दिया कि दिख नहीं रहा है क्या, जहाँ देखो जगह ही जगह है। आखिर तुम्हें तशरीफ रखने के लिए कितनी जगह चाहिए! जहाँ चाहो वहाँ रख दो।
मुझे तशरीफ नहीं रखनी है जनाब, बल्कि इत्मीनान से बैठ कर धरना देना है। वह बोला।  
किस बात पै धरना देना है, और किसके खिलाफ देना है। मेरी जिज्ञासा जागी।
तुम्हारे खिलाफ देना है, और इस बात के लिए देना है कि तुम आदरणीय मोदीजी की यह बात क्यों नहीं मान लेते कि लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ होना चाहिए। उसने गुस्से में कहा।
पहली बात तो यह कि मेरे मान लेने से क्या होगा, और आखिर मैं यह बात क्यों मान लूं?
देखो अभी हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा के चुनाव परिणाम आ रहे हैं और जहाँ कुछ दिन पहले ही लोकसभा में भाजपा ने अपना लंगोटा फहरा दिया था वहीं अब उसको बहुमत के लाले पड़ गये हैं। क्या पिद्दी, क्या पिद्दी का शोरबा सब आँखें दिखा रहे हैं। अगर एक साथ चुनाव हो गये होते तो ‘माते की लगुन में सब की लगुन’ हो गयी होती। आज सुबह से खट्टर की मूंछें मुर्झाई हुयी हैं और फणनबीस की शकल, उन्नीस हुयी दिख रही है।   
मुझे ज्ञान बघारने का मौका मिल गया। मैंने किसी बुद्धिजीवी जैसी शकल बना कर कहा कि देखो अपने यहाँ फेडरल स्ट्रक्चर है और केन्द्र व राज्य के लिए लोग अलग अलग सरकारें चुनते हैं, जो अपने राज्य की जनता द्वारा दिये जनादेश के अनुसार नियम कानून बनाने का अधिकार रखती हैं। केन्द्रीय शासन के विषय अलग होते हैं और राज्य के अलग होते हैं। जनता केन्द्र के लिए अलग जनादेश देती है और राज्यों के लिए अलग। जब एक साथ चुनाव होंगे तो भावुकता जगा कर एक ही पार्टी वोट बटोर सकती है।
वह मुझे सब पता है पर जरा सोचो कि लोकसभा का चुनाव जीतने के लिए एयरस्ट्राइक करा दिया जिसमें एयरफोर्स कह रही है कि हमने सही ठिकाने पर बमबारी की किंतु नेता लोग वोट जुटाने के लिए अपनी अपनी तरह से आतंकियों के मरने की शेखियां बघारते रहे। दूसरी ओर पाकिस्तानी सरकार कहती रही कि हमारे कुछ पेड़ व एक काला कौवा शहीद हुआ। खुशी हुयी कि ‘हमारी भी जय जय, तुम्हारी भी जय जय, न हम हारे न तुम हारे’ हमारी जनता ने माना के हमने मारे और तुम्हारे मरे नहीं। इस वीरता के चक्कर में मोदीजी जरूर चुनाव जीत गये। यह बात बाद में पता चली कि इस हमले में हमने अपनी ही सेना का एक जहाज मार गिराया था जिसमें छह पायलट शहीद हो गये थे। अगर एक साथ चुनाव हो गये होते तो इसी सब में विधानसभा में साफ साफ बहुमत मिल जाता और किसी के निहोरे नहीं करना पड़ते। अब तो शिव सेना के बच्चे और घोटाला वाले चौटाला के बच्चे तक आँखें दिखा रहे हैं। वो तो ठीक समय पर काँग्रेसियों ने दलबदल कर घर सम्हलवा दिया था बरना तो मन्दी, बेरोजगारी, बैंक घोटाले से नाराज जनता वही करने पर उतारू थी जो कश्मीर के राज्यपाल ने राहुल गाँधी के साथ होने की आशंका व्यक्त की थी। मैं तो शांति का पक्षधर हूं इसलिए दोनों चुनावों के लिए एक सैनिक कार्यवाही से काम चलवा लेना चाहता हूं।
भविष्य में कुछ ऐसा न हो इसलिए मैं तुम्हारे खिलाफ धरने पर बैठ रहा हूं। मैंने नकली मावे से बनी गुजिया लाकर उसे खिलायी। गुजिया खाकर उसने धरने पर बैठने का विचार छोड़ दिया।   

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