व्यंग्य
जादू टोने की दुनिया
दर्शक
जब हमारे वैज्ञानिक चाँद की ओर बढ रहे हैं
तब हमारे देश की संसद में ऐसे लोग पहुँचाये जा रहे हैं जो देश को अँधेरे की ओर ले
जा रहे हैं। वे जो पुराण कथाओं, जादू टोने, झाड़-फूंक, तंत्र-मंत्र में भरोसा करते
हैं। इन लोगों को वे भेज रहे हैं जिनके ऊपर मानवाधिकारों के हनन के आरोप हैं और जो
उसे भगवान का न्याय सिद्ध करने की कोशिश करते हैं। कहावत है कि चोर से ज्यादा चोर
की माँ जिम्मेवार है जिसने उसे पैदा किया। जो पुलिस अधिकारी हर तरह के आतंकवादियों
की पहचान करता है व उनके खिलाफ लड़ते हुए शहीद हो जाता है उसे शाप से मरना बताया
जाता है। ऐसे लोगों को टिकिट किसने दिया था और क्यों दिया था? जब नीचे से ऊपर तक
सबको लग रहा था कि यह टिकिट गलत है तो इस गलत को गलत कहने की हिम्मतवाला कोई
व्यक्ति क्यों नहीं निकला! अब सब मुँह छुपाते फिर रहे हैं। अपने अपने समय की
इमरजैंसी के अपने अपने स्वरूप होते हैं। कभी मुँह पर टेप लगाया जाता है, कभी लकवा
लगवा दिया जाता है।
वैसे तो शुरुआत हो चुकी है और सांसदों ने संसद
में जय श्री राम, जयमां काली, हर हर महादेव, अल्लाह हो अकबर के नारे लगाते हुए शपथ
ली है भले ही सबने ऐसा नहीं किया। संख्या थोड़ी सी कम रह गयी है बरना ऐसे ही लोगों
की सरकार बन सकती थी जो संसद में सवालों के जबाब में तिड़ी तिड़ी बम और छू कह कर
उत्तर देती। विपक्ष कहता है कि लोग बीमारियों से मर रहे हैं और उत्तर मिलता कि
लोगों की साधना में कमी है। साधना जारी रखो, मौत पर विजय मिलेगी। अभी हर चार
नागरिकों पर एक गाय है जबकि चार गायों पर एक नागरिक का अनुपात निकलना चाहिए। गोबर
और गौमूत्र की नदियां बहना चाहिए, गौमूत्र का सेवन करने से सारे रोग दूर हो जाते
हैं। अगर लोगों को पर्याप्त मात्रा में गौमूत्र नहीं मिलेगा तो रोग तो होंगे ही।
गायों की संख्या में कमी के लिए जवाहर लाल नेहरू और पिछले सत्तर सालों तक शासन
करने वाली पार्टी जिम्मेवार है। अटल बिहारी की सरकार के समय जब हरियाना में मृत
गाय का चमड़ा उतारने वाले चार दलितों को गौरक्षकों ने मार डाला था तो संघ के एक
पदाधिकरी ने कहा था कि चार हरिजनों की तुलना में एक गाय ज्यादा महत्वपूर्ण है। विश्वविद्यालयों
में ज्योतिष पढाया जाने लगा था और अस्पतालों में मंत्र चिकित्सा विभाग खुल गया था।
पर यूपीए की सरकार ने सब तहस नहस कर दिया।
अब नई शुरुआत हुयी है। यूपी की पूरी पुलिस
ने कांवड़ियों की सुरक्षा और सेवा सुश्रूषा पूरी निष्ठा से की। हेलीकोप्टर से फूल
बरसाने के अलावा उनके चरण धोने और दबाने में कोई कसर नहीं छोड़ी। इसका फल भी मिला।
पिछली बार तो इंस्पेक्टर सुबोध कुमार सिंह को मार कर जला देने की कोशिश की गयी थी
पर इस साल सभी पुलिस वालों को अभयदान मिल गया। सुबोध कुमार सिंह के हत्यारों को
जमानत मिल गयी और बाहर आने पर उन वीरों का फूल मालाओं और जयश्री राम के नारों से
स्वागत किया गया। गाँधी के पुतले को गोली मारते हुए एक महिला के वीडियो वायरल हुये
और महात्मा गोडसे को शहीद घोषित करने की मांग की गयी।
संस्कृत के बिना सारे कम्प्यूटर फेल हो
जाने की बात करने वाला केन्द्रीय मंत्री खिलखिलाता रहा। दुनिया हँसती है तो हँसने दो हम सारे डूबते उद्योगों
को साधना स्थलियों में बदल देंगे। जेल में बन्द बाबाओं को बेल दिलवा देंगे, और
आश्रमों में उनके खेल देखेंगे। रिजर्व बैंक तो अपने पास ही है।
कवि धूमिल ने कभी लिखा था –
हिन्दुस्तान के नक्शे पर गाय ने गोबर कर
दिया है।
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